अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के उपकुलपति ने मुसलमानों के पिछड़ेपन को लेकर विवादित बयान दिया है। उपकुलपति का कहना है कि औरतों को गुलामों की तरह रखने कारण ही मुसलमान पिछड़ गया है।
एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक एएमयू के उपकुलपति रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह ने रविवार को लखनऊ में आयोजित एएमयू ओल्ड बॉय के एक सम्मान समारोह में कहा कि मुस्लिम समुदाय ने अपनी आधी आबादी का कोई इस्तेमाल नहीं किया।
औरतें गुलाम बनकर घर के अंदर ही रहीं। उन्होंने कहा कि मैं सऊदी अरब में रहा। वहां हालत ऐेसे ही है,औरतों पर पांबदी लगा दी गई है, उन्हें गुलाम बना दिया गया है।
तुर्की और ईरान के अलावा पूरे मुस्लिम जगत में औरतों को गुलामों की तरह रखा जाता है, यही कारण है मुसलमान पिछड़े हुए हैं। शाह ने रमजान के महीने के दौरान काम ना करने पर भी मुसलमानों की खिंचाई की।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम साल के 11 महीने काम करते हैं, लेकिन रमजान के दौरान काम नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने शिक्षा छोड़ दी, वे आपस में ही लड़ रहे हैं। धार्मिक आधारोंं पर भी बंटवारा है। यह बात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को भी बर्बाद कर रही है।
खबर के मुताबिक शाह ने मजहबी आधार पर भेदभाव की बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि केवल योग्यता और काबिलियत ही मायने रखती है। 'मैंने मदरसे में पढ़ाई शुरु की और यहां तक पहुंचा हूं। मुस्लिम समुदाय भेदभाव का रोना रोता है जो कि असल में है ही नहीं।'
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