बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला की जांच कर रहे केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की एक अदालत को सोमवार को बताया कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा इस मामले के मुख्य षडयंत्रकारी हैं और उन्होंने दूरसंचार कंपनियों को रेडियो वेव्स लाइसेंस देने में पक्षपात किया था।
सीबीआई के वकील ने विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी की अदालत में कहा कि राजा 2जी घोटाला के मुख्य आरोपी हैं और उन्होंने आरोपी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए कंपनियों से आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि को 10 अक्टूबर 2007 को घटा कर 01 अक्टूबर 2007 कर दिया था और इस तरह से कुल 575 अवेदनकर्ता कंपनियों में से 408 कंपनियों को दौड़ से बाहर कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि राजा ने शुरुआत से ही जानबूझ कर आरोपी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए पक्षपात किया और उन्हें स्पेक्ट्रम लाइसेंस देने के लिए बाकायदा पूरी योजना तैयार की गई थी।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर नियत की है।
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