राजस्थान विधानसभा: आनंदपाल मामले में सरकार ने न्यायाधीश से जांच की मांग ठुकराई

गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सोमवार को सदन में कुख्यात अपराधी आनंदपाल ङ्क्षसह की फरारी प्रकरण की जांच न्यायाधीश से कराने की मांग ठुकराते हुए कहा है कि प्रमुख शासन सचिव दीपक उप्रेती दो माह में जांच का निष्कर्ष सामने रख देंगे।
कटारिया ने विधानसभा में कारागार(संशोधन)विधेयक पर चर्चा करते हुये निर्दलीय माणिक चंद सुराणा की ओर से आनंदपाल फरारी प्रकरण की जांच न्यायाधीश से कराने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा होने पर जांच को कई साल लग जाते हैं लेकिन उप्रेती को दी गई जांच के निष्कर्ष दो माह में आ जाएंगे।
 उन्होंने कहा कि सरकार गैंगवार को नियंत्रित करने के लिए कटिबद्ध है । उन्होंने कुख्यात अपराधी आनंदपाल की फरारी को अफसोस जनक बताते हुये कहा कि घटना में शामिल लोगों को हर हाल में दंड मिलेगा।
कटारिया ने विधेयक पर बताया कि इस विधेयक के माध्यम से राज्य की जेलों में जो कमी महसूस की जा रही है, उनमें सुधार के आवश्यक प्रयास किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस विधेयक के द्वारा मुलजिमों को अदालत में पेशी या अन्य स्थान पर ले जाने की व्यवस्था में भी सख्ती की जाएगी।
 उन्होंने बताया कि बंदी को पैरोल पर छोडऩे पर यदि बंदी स्वयं को पैरोल की कालावधि की समाप्ति पर कारागार के अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं होता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है।
 sitting at home
इससे पहले सुराणा ने कहा कि न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग का गठन कर इसमें वर्तमान एवं पूर्व पुलिस महानिदेशकों को शामिल कर इस मामले की जांच करायी जानी चाहिए।
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