अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी नरमी के दबाव में बीते सप्ताह दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड 125 रुपए कमजोर होकर 25175 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया, जो लगातार सातवीं साप्ताहिक गिरावट है। वहीं, चांदी हाजिर इस अवधि में 34300 रुपए प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही।
लंदन से प्राप्त जानकारी के अनुसार आलोच्य अवधि में सोना हाजिर 0.2 प्रतिशत कमजोर होकर 1090.61 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। विदेशों में भी यह लगातार सातवें सप्ताह लुढ़का है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 16 साल बाद यह लगातार सात सप्ताह गिरा है। इससे पहले 1999 में मई-जून के दौरान भी इसमें लगातार सात सप्ताह गिरावट दर्ज की गई थी। इस बीच अमरीकी सोया वायदा 9.20 डॉलर चमककर 1090.20 डॉलर प्रति औंस बोला गया।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल ब्याज दर में बढ़ोत्तरी करने की संभावना से सोने पर लगातार दबाव रहा है। बीते सप्ताह भी इस कारण पीली धातु की चमक फीकी रही। अमरीका में रोजगार के मजबूत आंकड़े आने से फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने की संभावना मजबूत हुई है। विश्लेषकों के अनुसार, सितंबर में ब्याज दर बढ़ाए जाने की स्थिति में सोने में आने वाले समय में और गिरावट देखी जा सकती है और यह गिरकर अगस्त 2010 के न्यूनतम स्तर 1044 डॉलर प्रति औंस से भी नीचे जा सकता है। वहीं, प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में आयी गिरावट ने सोने को समर्थन दिया है।
जर्मनी में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आने से यूरोपीय बाजार में आयी अनिश्चितता ने भी इसे बल दिया जिसके कारण सप्ताहांत में इसमें थोड़ी मजबूती दर्ज की गई। आलोच्य अवधि में चांदी हाजिर में 0.07 डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और सप्ताहांत पर शुक्रवार को यह 14.76 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।
विदेशी बाजारों में आई गिरावट और आभूषण निर्माताओं की कमजोर स्थानीय मांग के कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड लगातार सातवें सप्ताह 125 रुपए गिरकर 25175 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया। सोना बिटुर भी इतनी ही गिरावट के साथ 25025 रुपए प्रति दस ग्राम बोला गया। इस बीच आठ ग्राम वाली गिन्नी 22200 रुपए पर स्थिर रही।
वैश्विक दबाव और सप्ताहांत पर स्थानीय औद्योगिक मांग से आई मजबूती के बीच चांदी हाजिर उतार-चढ़ाव भरे सप्ताह में अंतत: 34300 रुपए प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही। वहीं, चांदी वायदा 370 रुपए लुढ़ककर 34030 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। आलोच्य अवधि में सिक्का लिवाली और बिकवाली क्रमश: 48000 रुपए और 49000 रुपए प्रति सैकड़ा पर स्थिर रहे।
कारोबारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की गिरावट से पीली धातु की कीमत में कमी देखी गई जबकि घरेलू औद्योगिक मांग आने से सफेद धातु पर दबाव कम हुआ और यह स्थिर बंद होने में सफल रही। उन्होंने कहा कि दोनों कीमती धातुओं में अभी और गिरावट देखी जा सकती है।
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