प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। पीएम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हासिल करने के अपने लक्ष्य के तहत पुरजोर तरीके से अपनी बात रखते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और औचित्य के लिए सुरक्षा परिषद के साथ यूएन में भी सुधार जरूरी है। इससे पहले उन्होंने हिंदी में भाषण की शुरुआत करते हुए महात्मा गांधी को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया से गरीबी मिटाने को साझा दायित्व करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि गरीबी मिटाए बिना शांतिपूर्ण विश्व, न्यायपूर्ण व्यवस्था और सतत विकास कभी संभव नहीं होगा।
मोदी ने यहां संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य सम्मेलन में कहा कि यह खुशी की बात है कि हम सब गरीबी से मुक्त विश्व का सपना देख रहे हैं। हमारे निर्धारित लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन सब से ऊपर है। आज दुनिया में 1.3 अरब लोग गरीबी की दयनीय जिंदगी जीने के लिए मजबूर है।
उन्होंने कहा, 'हमारे सामने प्रश्न केवल यह नहीं है कि गरीबों की आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जाए। और न ही यह केवल गरीबों के अस्तित्व और सम्मान तक ही सीमित प्रश्न है। साथ ही यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी मात्र है ऐसा मानने का भी प्रश्न नहीं है।
उन्होंने कहा, 'अगर हम सब का साझा संकल्प है कि विश्व शांतिपूर्ण हो, व्यवस्था न्यायपूर्ण हो और विकास सतत हो। तो गरीबी के रहते यह कभी भी सम्भव नहीं होगा। इसलिए गरीबी को मिटाना यह हम सब का पवित्र दायित्व है।'
उन्होंने जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के विचार का उल्लेख करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 2030 के एजेंडे में भी अंत्योदय की महक आती है। उन्होंने कहा, 'हम पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्मशती वर्ष मनाने की तैयारी कर रहे हैं, तब निश्चित रूप से यह एक सुखद संयोग है।'
मोदी ने कहा कि भारत ने विकास का जो मार्ग चुना है, उसके और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित सतत विकास लक्ष्यों के बीच बहुत सारी समानताएं हैं। आदी के बाद से ही भारत ने गरीबी से मुक्ति पाने का सपना संजोया है। हमने गरीबों को सशक्त बनाकर गरीबी को पराजित करने का मार्ग चुना है।
शिक्षा एवं कौशल विकास हमारी प्राथमिकता है। गरीब को शिक्षा मिले और उसके हाथ में हुनर हो, यह हमारा प्रयास है। प्रधानमंत्री ने जन धन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि उनकी सरकार ने निर्धारित समय सीमा में वित्तीय समावेशन पर मिशन मॉड में काम किया है और 18 करोड़ नए बैंक खाते खोले गए। यह गरीबों का सबसे बड़ा सशक्तीकरण है।
गरीबों को मिलने वाले लाभ सीधे उनके खातों में पहुंच रहे हैं। गरीबों को बीमा योजनाओं का लाभ सीधे मिले, इसकी भी एक महत्वाकांक्षी योजना चल रही है। उन्होंने कहा कि देश में सभी गरीबों तक पेंशन की सुविधा पहुंचे इसलिए पेंशन योजनाओं का विस्तार किया जा रहा है जिससे आज गरीब से गरीब व्यक्ति में भी गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतने का भरोसा पैदा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने सबके लिए आवास, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ और स्वच्छता को अपनी सरकार की प्राथमिकता करार देते हुए कहा कि ये सभी एक गरिमामय जीवन के लिए अनिवार्य हैं। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक ठोस योजना और एक निश्चित समय सीमा तय की गई है।
उन्होंने महिला सशक्तिकरण को भी विकास कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि देश में अब 'बेटी बचाओ - बेटी पढाओ' घर-घर का मंत्र बन चुका है।
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