बिना अनुमति एकता यात्रा निकाल रहे हार्दिक पटेल को पुलिस ने लिया हिरासत में

पटेल समुदाय को आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पटेल नेता हार्दिक पटेल तथा उनके लगभग 35 समर्थकों को शनिवार को सूरत में बिना प्रशासनिक मंजूरी के एकता यात्रा निकालने के आरोप में पुलिस ने मानगढ़ चौक के निकट हिरासत में ले लिया।
सूरत के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि शांति भंग होने की आशंका को टालने के लिए यह कदम उठाया गया है। हार्दिक को केवल एहतियातन हिरासत में लिया गया है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।
समझा जाता है कि हार्दिक के साथ पकड़े गए लोगों में पास के सूरत कन्वीनर अल्पेश कथिरिया तथा उनके करीबी दिनेश पटेल और चिराग पटेल भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि दांडी से प्रस्तावित उनकी आज की एकता यात्रा को नवसारी जिला प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी थी जिसके बाद आज उन्होंने बहुत गुपचुप ढंग से अंतिम क्षणों में करीब नौ बजे सूरत के वाराछा विस्तार के मानगढ़ चौक से इसे शुरू करने का प्रयास किया था।
उन्होंने वहां बनी सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया था। पहले इसे कामरेज चौकड़ी से शुरू किया जाना था। इस बीच बताया जा रहा है कि हार्दिक को हिरासत में लिये जाने के बाद पास के सह संयोजक निखिल पटेल की अगुवाई में एक रैली शहर के हीराबाग विस्तार से निकली है।
उल्लेखनीय है कि हार्दिक की बहुचर्चित दांडी से अहमदाबाद के साबरमती आश्रम तक की दो बार की नामंजूरी के बाद नवसारी जिला प्रशासन ने आज तड़के एक नए नाम एकता यात्रा के साथ प्रस्तावित करीब 350 किमी लंबी इस यात्रा को अनुमति देने से एक बार फिर इंकार कर दिया जबकि संगठन ने हर हाल में इसे निकालने का अल्टीमेटम दिया था।
नवसारी की जिला कलेक्टर रम्या मोहन ने कहा था कि पास की एकता यात्रा तथा इसके विरोध में दांडी के आसपास के 90 गांवों और ओबीसी एकता मंच की प्रतिकार रैली को भी मंजूरी नहीं दी गई। बिना अनुमति के इस तरह की यात्रा निकाली जाएगी तो ऐसा करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा।
उधर पास संयोजक हार्दिक पटेल के दावा किया था कि यात्रा हर हाल में निकलेगी हालांकि इसमें कोई नया मोड़ हो सकता है। उनके करीबी चिराग पटेल तथा सूरत में संगठन के संयोजक अल्पेश कथिरिया ने भी कहा कि मंजूरी नहीं होने पर भी यात्रा निकाल जाएगी।
 उन्होंने कहा कि वह किसी भी जाति या समुदाय के खिलाफ नहीं है और कानून भी तोडऩा नहीं चाहते पर प्रशासन बार बार इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए मंजूरी नहीं देकर उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर रहा है। पूर्व में प्रशासन ने गत छह सितंबर के लिए भी इस मार्च को अनुमति नहीं दी थी।
आसपास के 70 गांवों के प्रतिकार मार्च को भी मंजूरी नहीं दी गयी थी। इस बार इनकी संख्या बढ़कर 90 हो गई है तथा इसे ओबीसी एकता मंच के अल्पेश ठाकोर का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने पास की यात्रा निकलने पर अपनी भी रैली हर हाल में निकालने की बात कही थी।
 उल्लेखनीय है कि पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने की मांग कर रहे पास की गत 25 अगस्त की अहमदाबाद की रैली के बाद हार्दिक की गिरफ्तारी के कुछ ही समय के भीतर राज्यव्यापी हिंसा  फैल गई थी। दो दिनों की हिंसा के दौरान दस लोग मारे गए थे तथा 200 से अधिक वाहन जला दिए गए थे।
patel
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