प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। डीजल रेल कारखाना (डीरेका) मैदान में मोदी ने कहा कि हम 50 महीने में वो करेंगे, जो पिछले पचास साल में नहीं हुआ।
हमने गरीबों के बैंक में खाते खुलवाए, आज 18 करोड़ से ज्यादा गरीबों के पास खाते हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इतने वर्षों में जिन्होंने एक भी गरीब का बैंक अकाउंट नहीं खुलवाया, वो आज मुझसे खातों का हिसाब मांग रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई योजनाओं के जरिए गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की गई है। गरीबी से लडऩे का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा है।
मोदी ने कहा कि गरीबों का नाम जपना सिर्फ एक परंपरा बन गई है। 60 साल से केवल गरीबों के कल्याण की बातें हो रही है। उन्होंने कहा कि तकनीक से अब गरीबों का जीवन बदलेगा।
भाषण छोड़ करनी पड़ी शिक्षामित्रों की बात : जैसे ही मोदी ने बोलना शुरू किया, शिक्षामित्रों का हंगामा शुरू हो गया। शुरुआत में पीएम ने टालने की कोशिश की, लेकिन हंगामा बढ़ते देख उन्हें विकास की बात छोड़कर शिक्षामित्रों की बात करनी पड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनसे शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल मिला था।
हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं होने के कारण मैंने उसे दिल्ली मंगवाया है। यूपी के मुख्यमंत्री से भी मेरी बात हुई है, उन्होंने भी कहा कि उनके पास केवल सूचना आई है, आदेश अभी नहीं मिला। मोदी ने कहा कि वाराणसी का सांसद होने के नाते मैं सीएम से इस मसले पर बात करूंगा।
केंद्र सरकार भी आदेश का अध्ययन करने का बाद जरूरी कार्रवाई करेेगी। मुझे यूपी सरकार पर पूरा भरोसा है। वह इसे गंभीरता से लेगी। शिक्षामित्रों को आत्महत्या जैसा कदम उठाने की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री ने बांटे ई-रिक्शा और साइकिल रिक्शा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को ई-रिक्शा और साइकिल रिक्शा की चाबियां बांटी। मोदी ने करीब ढाई हजार गरीबों को रिक्शा, ई-रिक्शा प्रमाण पत्र, सोलर लालटेन, प्रधानमंत्री जनधन योजना का पैकेज भेंट कर अपनी एक दिवसीय यात्रा की शुरूआत की। गौरतलब है कि पहले भारी बारिश के कारण 28 जून और 16 जुलाई को मोदी के प्रस्तावित दौरे दो बार रद्द हो चुके हैं।
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