2006 में मुंबई लोकल ट्रेन सीरियल ब्लास्ट मामले में बुधवार को मकोका कोर्ट ने 12 में से पांच दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है,जबकि 7 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सीरियल ब्लास्ट में 188 लोग मारे गए थे तथा 829 लोग घायल हुए थे।
गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश यतिन डी शिंदे ने पिछले सप्ताह सजा पर दलीलों को लेकर सुनवाई पूरी की थी। तब अभियोजन पक्ष ने 12 में से आठ दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी।
विशेष मकोका अदालत ने 23 सितंबर को मामले में सजा पर अपना आदेश 30 सितंबर के लिए सुरक्षित रखा था।
इससे पहले 13 सितंबर 2015 को कोर्ट ने 13 में से 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था और एक आरोपी को बरी कर दिया था। इन सभी पर आरोप था कि कि ये प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य रहे हैं।
कोर्ट ने आरोपियों को विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम और भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत दोषी पाया है।
इसके अलावा कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को मकोका की धारा-3(1) (आई) के तहत भी दोषी पाया जिसमें मौत की सजा सुनाई जा सकती है।
इन्हें मिली फांसी की सजा
कोर्ट ने जिन पांच दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है उनमें कमाल अंसारी, नावेद अहमद अंसारी , मोहम्मद फैजल शेेख और ऐहतेशाम सिद्दीकी है। वहीं दूसरी ओर से सजा के बाद कोर्ट के बाहर बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वे सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
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