कांग्रेस ने कहा है कि सरकार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर संसद का विशेष सत्र बुलाने के बारे में विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर रही है लेकिन उसे पहले यह बताना होगा कि नए विधेयक का पूरा प्रारूप क्या है और इसमें पार्टी के सुझाव शामिल हैं अथवा नहीं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस विधेयक में संशोधन दिए हैं। प्रवर समिति में दिए गए सुझाव इसमें शामिल हैं या नहीं, पहले यह देखना पड़ेगा।
उनका कहना था कि जब तक विधेयक के अंतिम प्रारूप का अध्ययन नहीं किया जाता कांग्रेस इस बारे में अपनी राय व्यक्त नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि यह विधेयक कांग्रेस की संकल्पना है। पार्टी इस विधेयक को पारित करना चाहती है लेकिन इस सरकार ने विधेयक में बदलाव किए हैं और वे कांग्रेस को स्वीकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि विधेयक को संसद के दोनों सदनों में अलग अलग पारित कराना होगा और इसके लिए संयुक्त सत्र बुलाने का प्रावधान नहीं है। खडगे ने कहा कि उनसे संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने उनसे इस मुद्दे पर मंगलवार को बातचीत की लेकिन उन्होंने सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी को पहले विधेयक की प्रति उपलब्ध कराई जाए। पार्टी देखेगी कि उसने जो संशोधन दिए हैं वे इसमें जोड़े गए हैं या नहीं।
उनका कहना था कि जब तक कांग्रेस विधेयक के प्रारूप को पूरी तरह से नहीं देख लेती तब तक इसे पारित कराने के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
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