डायरेक्टर केतन मेहता की फिल्म 'मांझी : द माउंटेन मैन' रिलीज हो गई है। यह फिल्म माउंटेन मैन के नाम से पहचाने जाने वाले दशरथ मांझी की जिंदगी पर आधारित है। दशरथ मांझी बिहार में गया के पास स्थित गहलौर गांव के एक गरीब मजदूर थे, जो छेनी और हथौड़े के बल पर पहाड़ काटकर रास्ता तैयार करने के बाद फेमस हुए।
क्या है फिल्म की कहानी
दशरथ मांझी (नवाजुद्दीन सिद्दिकी) गहलौर गांव में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके माउंटेन मैन बनने की कहानी तब शुरू होती है, जब उनकी पत्नी फगुनिया (राधिका आप्टे) पहाड़ से फिसलकर गिर जाती हैं। मांझी अन्य मजदूरों की मदद से फगुनिया को पास ही टाउन वजीरगंज के अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन वहां पहुंचते-पहुंचते ही उसकी मौत हो जाती है। क्योंकि वजीरगंज के पहुंचने के लिए पूरा पहाड़ पार करना पड़ता है।
पत्नी के निधन के बाद मांझी पहाड़ से बदला लेने की सोचते हैं और छेनी-हथौड़ा उठाकर उसे काटना शुरू कर देते हैं। 22 साल की मेहनत के बाद वे 25 फीट गहराई तक पहाड़ को काटकर 360 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा रास्ता तैयार कर देते हैं। हालांकि, इस दौरान कहानी में कई मोड़ आते हैं।
कैसा है केतन मेहता का डायरेक्शन
केतन मेहता ने फिल्म के लिए हर किरदार बहुत सोच समझकर चुना है। दशरथ मांझी के पूरे जीवन को उन्होंने बड़ी खूबसूरती के साथ करीब दो घंटे की अवधि में दिखाया है। हालांकि, फिल्म फर्स्ट हाफ में कुछ धीमी है, लेकिन इसे कहानी की डिमांड कहा जा सकता है।
फिल्म को विजुअली अच्छा ट्रीट किया गया है, लेकिन कुछ सीन्स जैसे- जब नवाजुद्दीन पहाड़ पर पत्थर फेंकते हैं और वहां आग लग जाती है। वह आग बिल्कुल फेक नजर आती है। डायरेक्टर को चाहिए था कि वह ऐसे सीन्स पर बराबर ध्यान देता।
स्टार कास्ट और एक्टिंग
नवाजुद्दीन सिद्दिकी दशरथ मांझी के किरदार में एकदम फिट बैठे हैं। राधिका आप्टे ने मांझी की पत्नी फगुनिया की भूमिका बड़े ही सहज तरीके से निभाई है। केतन मेहता की पत्नी दीपा मेहता फिल्म में इंदिरा गांधी का की भूमिका निभाई हैं।
तिग्मांशु धूलिया का छोटा सा रोल(मुखिया) है, लेकिन उन्हें देखकर लगता है कि वे फिल्ममेकर से कहीं बढ़कर अच्छे एक्टर हैं। मांझी के पिता की भूमिका में नजर आए स्व. अशरफ उल हक और मुखिया के बेटे के रोल में दिखे पंकज त्रिपाठी का काम भी सराहनीय रहा।
देखें या नहीं
नवाजुद्दीन सिद्दिकी, राधिका आप्टे और अन्य स्टार कास्ट की जबरदस्त एक्टिंग के लिए फिल्म देखी जा सकती है। इसके अलावा, यदि आप एक सच्ची कहानी पर बनी एक अच्छी फिल्म की तलाश में हैं तो 'मांझी : द माउंटेन' आपको बिल्कुल निराश नहीं करेगी।
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