आम आदमी की खास कहानी है 'दृश्यम'

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फिल्म 'दृश्यम'
फिल्म का नाम: दृश्यम 
डायरेक्टर: निशिकांत कामत 
स्टार कास्ट: अजय देवगन, तब्बू, श्रिया सरन, रजत कपूर, इशिता दत्ता 
अवधि: 163 मिनट 
सर्टिफिकेट: U/A 
रेटिंग: 3.5 स्टार
साउथ इंडिया में एक मलयालम फिल्म बनाई जाती है और उसके बाद उस फिल्म का तेलुगू, कन्नड़ और तमिल रीमेक भी बनाया जाता है. इन चारों भाषाओं में बनी इस फिल्म को जमकर सराहा जाता है और फिर इसी फिल्म का रीमेक हिंदी में भी बनता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं सुपरहिट मलयालम फिल्म 'दृश्यम' की, जिसे जीतू जोसेफ ने सुपर स्टार मोहन लाल और मीना के साथ मिलकर बनाया. अब इसी फिल्म का हिंदी रीमेक निशिकांत कामत ने डायरेक्ट किया है. फिल्म की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी अनोखी कहानी जो आपको हर पल यह सोचने पर विवश कर देती है कि अब क्या होगा? आइए जानते हैं कैसी है फिल्म 'दृश्यम' :
कहानी
फिल्म की कहानी एक चौथी फेल मध्यम वर्गीय मराठी युवक विजय सालगॉंवकर (अजय देवगन) की है जो केबल ऑपरेटर है. अपनी पत्नी नन्दिनी (श्रिया सरन) और दो बेटियों के साथ गोवा में रहता है. इनकी जिंदगी अच्छी चल रही होती है तभी अचानक से शहर की आई जी मीरा देशमुख (तब्बू) का बेटा 'सैम' गुम हो जाता है और शक के घेरे में अजय और उसका पूरा परिवार आ जाता है. अब क्या ये चौथी फेल केबल ऑपरेटर अपने परिवार को कानून से बचा पाएगा? इसी सस्पेंस पर आगे बढ़ती है फिल्मी की कहानी.
                                                                                                        स्क्रिप्ट, अभिनय, संगीत  फिल्म पहले भी कई भाषाओं (मलयालम, कन्नड़ ,तेलूगु और तमिल) में बनाई गई है और हर बार इसे काफी सराहा गया है. निशिकांत कामत ने अपने अंदाज में हिंदी रीमेक के लिए थोड़ा परिवर्तन किया है जो तर्कसंगत है. थ्रिलर फिल्म की जीत तभी हो जाती है जब आप ये सोचने के लिए विवश हो जाते हैं कि 'अगले पल क्या होने वाला है?' तो स्क्रिप्ट के साथ-साथ स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन भी काबिल ए तारीफ है.  अजय देवगन ने इस फिल्म में बेहतरीन अभिनय किया है. पति और पिता के रूप में हरेक सीन में अजय ने अलग छाप छोड़ी है. वैसे तो अजय की मौजूदगी का मतलब ताबड़तोड़ एक्शन है लेकिन इस फिल्म में अजय ने दिमाग से लड़ने का काम किया है. इस फिल्म में अजय देवगन काफी अलग रूप में दिखाई देंगे.वहीं अभिनेत्री तब्बू एक आई जी अफसर के रूप में दबंग अवतार में दिखाई देती हैं. पहले 'कोहराम' फिल्म में तब्बूने महिला पुलिस का छोटा सा रोल निभाया था लेकिन इस बार अपने बेटे की गुमशुदगी से आहत मां का किरदार भी कर रही हैं. तब्बू का ये रूप आपको जरूर एंटरटेन करेगा.
इसके अलावा एक्ट्रेस श्रिया सरन, इशिता दत्ता और तब्बू के पति के रूप में एक्टर रजत कपूर का काम भी सराहनीय है. इशिता दत्ता एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता की बहन हैं और उनकी यह पहली फिल्म है और इस पूरे घटनाक्रम में इशिता का भी अहम रोल है. फिल्म में मां-बेटी, पिता और परिवार के रिश्ते को बखूबी दर्शाया गया है. परिवार के लिए एक पिता किस हद तक जा सकता है उसका मुजाहिरा भी निशिकांत ने दिलचस्प तरीके से पेश किया है.
थ्रिलर होने के नाते इस फिल्म में संगीत का ज्यादा महत्व तो नहीं होता लेकिन विशाल भारद्वाज ने अपने गीतों के साथ माहौल को और भी रोचक बना दिया है जिससे आम आदमी खुद को घटनाक्रम से कनेक्ट कर पाता है.
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