कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को नगा शांति समझौते पर हस्ताक्षर से पहले पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मंत्रणा न किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सरकार को 'अहंकारी' बताया।
सोनिया ने संसद परिसर में बातचीत के दौरान बताया कि हम हैरान हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को विश्वास में लेने की सोची तक नहीं, जबकि ये राज्य इस समझौते से सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का अहंकार दर्शाता है। भले ही समझौते को ऐतिहासिक करार दिया जा रहा हो, मगर प्रभावित होने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विचार-विमर्श किए बिना कैसे एक समझौते को अंजाम दिया जा सकता है?
सोनिया ने कहा कि मुझे इसके ऐतिहासिक होने पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन हमारे मुख्यमंत्रियों से विचार-विमर्श क्यों नहीं किया गया?कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनका अहंकार अब खुलकर सामने आ गया है। यह मुख्यमंत्रियों का ही अपमान नहीं, बल्कि राज्यों के लोगों और देश के संघीय ढांचे का भी अपमान है।
वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के इस कदम को मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगों का 'अपमानÓ बताया, क्योंकि उन्हें इस समझौते के बारे में बताया तक नहीं गया।
राहुल ने कहा कि यह इन तीनों राज्यों के प्रत्येक नागरिक का तिरस्कार है और यह सरकार जिस तरह काम करती है, वह तरीका भारत के लोगों का अपमान है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार और अलगाववादी नगा संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-आईएम) के बीच सोमवार को नगा शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए। नगा समझौते के प्रावधानों को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
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