भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजाने वाले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी ने मोदी सरकार के खिलाफ अपनी दूसरी लड़ाई भी जीत ली है। केंद्रीय प्रशासन न्यायधिकरण (कैट) के द्वारा केन्द्र और हरियाणा सरकार को नोटिस दिए जाने के बाद चतुर्वेदी को सेलेक्शन ग्रेड में पदोन्नति मिल गई है जबकि हरियाणा की भाजपा सरकार ने उन्हें पदोन्नति नहीं दी।
2002 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी को इस साल एक जनवरी को सेलेक्शन ग्रेड में पदोन्नति मिलनी थी।
उसके बाद प्रोमोशन समिति की दो बैठकें (27 जनवरी तथा 16 जून भी हुई लेकिन चतुर्वेदी की पदोन्नति नहीं की गई जबकि उनके बैच के सभी अधिकारियों की पदोन्नति हुई तब चतुर्वेदी ने 29 जून को कैट में मुकदमा दायर किया और कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भ्रष्टाचार मामला उजागर किया था इसलिए उन्हें पदोन्नति नहीं दी गयी।
कैट ने केंद्र और हरियाणा सरकार को एक जुलाई को नोटिस जारी कर 24 अगस्त को सुनवाई की तारीख रखी तब हरियाणा सरकार ने 21 अगस्त को उन्हें पदोन्नति दे दी।
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