ओबीसी कोटे के अंतर्गत आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय गुजरात के अहमदाबाद में महारैली कर रहा है। आंदोलन की अगुवाई कर रहे 22 साल के हार्दिक पटेल ने रैली में हुंकार भरते हुए कहा, 'हम जहां से निकलते हैं, वहीं पर क्रांति शुरू हो जाती है, जहां हम निकलते हैं, वहीं इतिहास शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि जब तक हमे हमारा हक नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा।'
सीएम मंच पर आएंगी तभी देंगे ज्ञापन
हार्दिक पटेल ने मंच से ऐलान किया है कि वो प्रशासन की गुजारिश पर रैली तो नहीं निकालेंगे, लेकिन जब तक राज्य की सीएम आनंदीबेन पटेल वहां नहीं पहुंचतीं, वो वहां से नहीं हटेंगे। पटेल रैली में करीब 9 लाख लोग मौजूद हैं। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने हार्दिक पटेल से रैली ना निकालने की गुजारिश की है। उनकी तरफ से आश्वासन दिया गया है कि डीएम खुद मंच पर जाकर उनका आवेदन लेंगे।
2017 में हम कमल को उखाड़ सकते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आरक्षण देने की मांग उठाते हुए पटेल ने कहा कि मोदी साहब हमें सबका साथ और सबका अधिकार चाहिए। हमने 1998 में कांग्रेस को उखाड़ फेंका था अब 2017 आने वाला है और चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा उसे उखाड़ फेंकेंगे। 2017 में हम कमल को भी उखाड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हक नहीं मिला तो फिर कमल नहीं खिलेगा।
कुछ पार्टियां कर रही आंदोलन खराब करने का प्रयास
आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल ने कहा कि कुछ पार्टियां कह रही है, तुम्हें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पता है... ये नहीं हो सकता है वो नहीं वो सकता है। अगर एक आतंकी के लिए सुप्रीम कोर्ट रात को 3.30 बजे तक खुल सकता है, तो युवाओं के लिए क्यों नहीं, जो इस देश का भविष्य है।
गांधी और पटेल के संस्कार है हम में
उन्होंने कहा कि हम में गांधी और पटेल के संस्कार हैं, अगर भगत सिंह बन गए तो सारी लंका को आग लगा दें। हमको बुलाकर दो कि आ जाओ भाई, आ कर ले जाओ अपना पांच एजेंडा। चाचा दे दो, वरना भतीजे को जानते हो।
6 हजार किसानों ने की खुदकुशी
हार्दिक ने कहा कि गुजरात के 6 हजार किसानों ने खुदकुशी की है अब अगर किसी किसान ने खुदकुशी की तो इसके लिए सरकार भुगतेगी। उन्होंने कहा कि 1947 में सरदार पटेल को छोटा किया गया, अगर आज सरदार पटेल अगर देश के पहले पीएम बनते तो हालात कुछ और होते।
पूरे देश में 27 करोड़ पाटीदार
नीतीश और चंद्रबाबू नायडू को अपना बताते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि देश में 27 करोड़ पाटीदार हैं और उनकी ताकत बहुत ज्यादा है। पूरे देश में सबसे ज्यादा सांसद हमारे हैं। यहां तक की आंध्र प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार भी हमारे हैं।
किसी समुदाय के विरोध में नहीं
ढाई लाख से अधिक की भीड़ को गुजराती की बजाय हिंदी में संबोधित करते हुए युवा पटेल नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि उनका आंदोलन राजनीतिक नहीं है। यह किसी अन्य पिछडा वर्ग अथवा अन्य समुदाय या व्यक्ति के विरोध में नहीं है। उन्हें तो ब्राह्मणों, क्षत्रियों और लोहाना समेत आरक्षण की मांग कर रही अन्य जातियों का भी समर्थन है। वह स्वयं भी सबकी समानता के पक्ष में हैं ताकि पटेलों और अन्य वर्गों को उनके हक से वंचित नहीं रहना पड़े। उन्होंने कहा कि गरीबों को उनका हक नहीं मिलने से ही आतंकवादी और नक्सलवादी पैदा होते हैं, सरकार को इस बात को समझना चाहिए।
पार्टी का नहीं पाटीदारों का आंदोलन
उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन तुरंत समाप्त होने वाली कोई 100 मीटर की दौड भी नहीं है बल्कि मैराथन की तरह है। वह अपना हक लेकर रहेंगे। अगर इसे प्रेम से नहीं दिया जाएगा तो यह छीन कर लिया जाएगा। हम हक मांग रहे हैं कोई भीख नहीं। पिछले साठ साल में पूरे देश में किसी समुदाय ने ऐसा आंदोलन नहीं किया। भाजपा वाले कहते हैं कि इसके पीछे कांग्रेस है और कांग्रेस वाले भाजपा का हाथ देखते हैं। कुछ लोग इसमें आम आदमी पार्टी का सरोकार देखते हैं पर ऐसा नहीं है। यह युवाओं का गैरराजनीतिक आंदोलन है। यह किसी पार्टी का नहीं बल्कि पाटीदारों का आंदोलन है। उन्होंने हर साल 25 अगस्त को पाटीदार क्रांति दिवस के तौर पर मनाने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि पटेलों की मांग के मामले में अदालत की बजाय जनता की आवाज को सुना जाना चाहिए।
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