वैश्विक स्तर पर पीली धातु में जारी गिरावट से गुरुवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में लगातार चौथे सत्र गिरता हुआ सोना स्टैंडर्ड ठीक चार साल बाद 25000 रुपए प्रति दस ग्राम से नीचे उतर गया, जबकि औद्योगिक मांग आने से चांदी में मामूली सुधार देखी गई।
स्थानीय बाजार में सोना स्टैंडर्ड 40 रुपए लुढ़ककर 24980 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया जो 06 अगस्त 2011 के बाद का इसका निचला स्तर है। पिछले चार सत्र में यह 320 रुपए उतर चुका है। गत 01 जुलाई को यह 25300 रुपए प्रति दस ग्राम रहा था।
सोना बिटुर भी इतनी ही गिरावट के साथ 24830 रुपए प्रति दस ग्राम बोला गया। सोने के दबाव में आठ ग्राम वाली गिन्नी भी 100 रुपए नीचे 22100 रुपए पर आ गई। चांदी पर भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दबाव जारी है, लेकिन गुरुवार को स्थानीय औद्योगिक मांग निकलने से यह बुधवार के लगभग पांच साल के निचले स्तर से उबरने में सक्षम रही। चांदी हाजिर 100 रुपए चढ़कर 33800 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। चांदी वायदा भी 90 रुपए ऊपर 33520 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई।
वैश्विक स्तर पर बुधवार को 0.2 प्रतिशत उतरने के बाद गुरुवार को लंदन में सोना हाजिर 0.3 डॉलर नीचे 1085.3 डॉलर प्रति औंस पर रहा। अमरीकी सोना वायदा भी 0.70 डॉलर गिरकर 1085 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। बुधवार को इसमें 0.5 प्रतिशत की नरमी रही थी।
बाजार विश्लेषकों ने बताया कि अमरीका में रोजगार के मजबूत आंकड़े आने से सितंबर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना को और बल मिला है। अमरीका में बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, निजी क्षेत्र में जुलाई महीने में एक लाख 85 हजार लोगों को रोजगार मिले हैं। गुरुवार गैर कृषि क्षेत्र के रोजगार के आंकड़े भी आने हैं जिसके बेहतर रहने का अनुमान है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के कारण पीली धातु पर दबाव है। लंदन में चांदी 0.03 डॉलर लुढ़ककर 14.57 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।
स्थानीय बाजार में कारोबारियों ने बताया कि वैश्विक दबाव में सोना टूटा है, जबकि स्थानीय औद्योगिक मांग आने से चांदी मजबूत हुई है। उनका कहना है कि आने वाले समय में भी सोने की कीमत वैश्विक रुख के अनुरूप ही रहेगी क्योंकि अभी इसकी मांग बढऩे का कोई विशेष स्थानीय कारक नहीं दिख रहा।
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