योग की बढ़ती लोकप्रियता देख बहुराष्ट्रीय कंपनियां व कई विदेशी योग तकनीकों पर पेटेंट-ट्रेडमार्क पाने की होड़ में जुटे हैं। इस पर पानी फेरने के लिए भारत ने पारंपरिक ज्ञान की श्रेणी में 1500 से ज्यादा योगासन चुने हैं।
इनकी वीडियोग्राफी करा विदेशियों को पेटेंट से रोकेंगे। विज्ञान-तकनीकी मंत्रालय व औद्योगिक अनुसंधान परिषद की इकाई पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) दुनिया में पेटेंट दफ्तरों में ठोके दावों को चुनौती देता है।
मालूम हो, नीम व हल्दी पर कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने पेटेंट अधिकार पाने की कोशिश की थी। इसे विफल करने के दौरान सरकार ने टीकेडीएल बनाई थी। एक कंपनी से हल्दी का पेटेंट छीनने में हमारे करोड़ों रुपए खर्च हुए थे।
विशेषज्ञों ने प्राचीन किताबों से 1500 से ज्यादा योग तकनीकें पहचानी हैं। 250 आसन की वीडियोग्राफी हुई है। 6 माह में प्रक्रिया पूरी होगी। यह डेटाबेस तैयार होते ही प्राचीन काल से अभ्यास में आ रही हमारी योग तकनीकों पर हम पेटेंट की विदेशी कोशिश नाकाम कर देंगे।
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