1993 के मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेमन की फांसी टालने की याचिका पर बुधवार को सुनवाई शुरु हो चुकी है। याकूब की याचिका पर तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। सुनवाई के बीच एक बार फिर याकूब मेमन ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।
इससे पहले राष्ट्रपति याकूब की ओर से पूर्व में भेजी गई दया याचिका को खारिज कर चुके हैं। मंगलवार को याकूब की याचिका पर जस्टिस एआर दवे और जस्टिस कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद हो गया था,जिसके बाद मामला चीफ जस्टिस को भेज दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक जस्टिस दवे ने जहां 30 जुलाई के लिए डेथ वारंट पर रोक लगाने से इंकार किया है, वहीं जस्टिस कुरियन ने कहा कि मृत्युदंड क्रियान्वित नहीं होगा। गौरतलब है कि एक विशेष अदालत के आदेश पर गुरुवार 30 जुलाई को याकूब को नागपुर जेल में फांसी होनी है।
ऐसे में अगर बुधवार को फैसला नहीं हो पाता तो गुरुवार को तय सजा निरस्त हो जाएगी और जिसके बाद अगली सुनवाई और फिर फैसले का इंतजार रहेगा।
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