फिरोजाबाद। समाजवादी पार्टी के दबंग पूर्व मत्री अमर मणि त्रिपाठी के पुत्र अमन मणि त्रिपाठी की पत्नी सारा सिंह की दुर्घटना मे हुई मौत ने अनेक सवाल खड़े कर दिए है। मामला हाई प्रोफाईल होने के कारण पुलिस प्रशासन फूंक फूंक कर कदम रख रहा है।
सतर्कता के साथ पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी निगरानी बनाए हुए हैं। मृतका के परिजनो ने दुर्घटना की सीबीआई से जांच की मांग की है। फिरोजाबाद पुलिस द्वारा अपहरण के मामले मे फरार चल रहे अमन मणि त्रिपाठी को देर रात गिरफ्तार करके कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया था।
गुरुवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिरसागंज के समीप गुजंन चौक पर कार के असंतुलित होकर पलटने से अमन मणि त्रिपाठी की पत्नी सारा सिंह की मौत का मामला गहराता जा रहा है। अमन मणि त्रिपाठी के अनुसार किसी साईकिल सवार लड़की को बचाने के दौरान उनकी कार असंतुलित होकर गड्ढे मे पलट गई।
दुर्घटना मे उनकी पत्नी की मौत हो गई है जबकि अमन मणि त्रिपाठी स्वयं भी बिना सीट बेल्ट बांधे कार चला रहे थे। इतनी भीषण दुर्घटना मे उन्हे खरोंच तक नहीं आई और उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इसके अलावा जब जिला अस्पताल मे अमन मणि त्रिपाठी द्वारा मीडिया कर्मियों ने उनके और उनके पत्नी के परिवार के सम्बंध मे जानकारी चाही तो वह दूरी बना कर गुमराह करने का प्रयास करते रहे।
रात मे सारा सिंह कि मां सीमा सिंह जब अपने पुत्र के साथ जिला अस्पताल पहुंची तो अपनी बेटी की मौत पर काफी दुखी नजर आ रही थी और उनके चेहरे पर इस बात की वेदना साफ नजर आ रही थी। कि इतनी भीषण दुर्घटना मे उनकी बेटी की मौके पर ही मौत हो गई वही अमन मणि त्रिपाठी के शरीर पर खरोंच तक नहीं आई थी। पोस्टमार्टम के बाद सारा सिंह के शव को मां सीमा सिंह की सुपुर्दगी मे दे दिया गया।
पुलिस अधिक्षक पीयूष श्रीवास्तव का कहना है कि सारा सिंह की दुर्घटना में हुई मौत की जांच के सम्बंध मे उन्हें किसी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि प्राप्त होती है तो उस पर गम्भीरता से कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि सारा के प्रदेश सरकार के गृह सचिव की भांजी होने के कारण मामला हाई प्रोफाईल बन गया है।
अमनमणि को जेल के तन्हाई वार्ड में रखा गया
समाजवादी पार्टी के दबंग नेता रहे अमनमणि त्रिपाठी को शुक्रवार को लखनऊ जेल के तन्हाई वार्ड में भेज दिया गया। अपहरण के मामले में उनकी पत्नी सारा के फिरोजाबाद में कार दुर्घटना में मारे जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
अमनमणि तथा उनके समर्थकों ने शुक्रेवार को सिविल अस्पताल में पत्रकारों से मार पीट की। मारपीट की घटना की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में दर्ज कराई गई। उसने जेल में कैदियों के साथ भी मारपीट की। इसीलिए उसे तन्हाई वार्ड में रखा गया है। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।
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