पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले का कहना है कि खेल व्यक्ति से ऊपर है और क्रिकेट की छवि को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
कुंबले ने आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रायल्स को भ्रष्टाचार मामले में दो साल के लिए निलंबित किए जाने के जस्टिस लोढा समिति के ऐतिहासिक फैसले के संदर्भ में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से यह बात कही।
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ''एक क्रिकेटर होने के नाते मेरा मानना है कि क्रिकेट किसी भी व्यक्ति से ऊपर है और खेल की छवि सर्वोच्च है। खिलाड़ी के रूप मे हमारा लक्ष्य खेल की अखंडता को बनाए रखना होना चाहिए। जहां तक समिति के फैसले का संबध है, हम इस पर बाद में भी बात कर सकते हैं।''
सवालों के जवाब में आईसीसी की क्रिकेट समिति के अध्यक्ष कुंबले ने अंपायर समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के संबध में कहा, '' डीआरएस के इस्तेमाल को पूरी तरह खारिज नहीं किया गया है लेकिन इसे सही और सटीक बनाने की प्रक्रिया जारी है। जब इसे पहली बार शुरू किया गया था तो मैं इसकी सटीकता को लेकर संतुष्ट नहीं था। आईसीसी क्रिकेट समिति का एक हिस्सा होने के तौर पर मेरे लिये इस मुद्दे पर कोई सीधा फैसला लेना उचित नहीं होगा लेकिन हमारी कोशिश यही है कि इसकी सटीकता पर भरोसा बहाल किया जाये।''
कुंबले ने साथ ही कहा कि मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के इंजीनियर्स ऐसे उपकरण पर काम कर रहे हैं जो डीआरएस में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों जैसे बॉल ट्रैकर की सटीकता को बढ़ा देगा।
कुंबले हाल में ही एक लेक्चर के लिये एमआईटी कैंपस गये थे और तब उन्होंने उसकी प्रयोगशाला में इस उपकरण पर चल रहे काम को देखा था।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडिलेड में इस वर्ष नवंबर में होने वाले पहले दिन-रात्रि टेस्ट के लिये कुंबले ने कहा,'' जब तक आप कुछ नया नहीं करेंगे तब तक आप नहीं जान पायेंगे कि कोई चीज अच्छी है या बुरी। इसके पीछे हमारा लक्ष्य लोगों को टेस्ट मैच देखने के लिये मैदान तक लाना है। जहां तक इस टेस्ट में गुलाबी गेंद का संबध है इसे एमसीसी टेस्ट में पास कर दिया गया है।''
टेस्ट इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज और एक पारी में 10 विकेट लेने का रिकार्ड अपने नाम रखने वाले कुंबले का मानना है कि उनके समय से अब क्रिकेट काफी बदल चुका है और मौजूदा पीढ़ी भयमुक्त होकर खेलती है। वे इस बात से प्रभावित नहीं होते कि सामने वाले बल्लेबाज या गेंदबाज की प्रतिष्ठा क्या है।
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