केन्द्रीय खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि इंसटेंट नूडल्स मैगी की गुणवत्ता जांच के दायरे में आने का यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि नेस्ले कम्पनी निम्न स्तर की हो गई है और उसके तमाम उत्पाद घटिया हैं।
पासवान ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसी भी खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की जाती है तो उसे जांच के लिए भेजा जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी कम्पनी के एक उत्पाद के अलग-अलग प्रयोगशालाओं में जांच के परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैगी विवाद का मामला राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में विचाराधीन है।
मैगी विवाद के बाद सुरक्षित खाद्य पदार्थ को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है और इसको लेकर अब कम्पनियों में भी विचार मंथन हो रहा है।
पासवान ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इसके साथ किसी को खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि घटिया और मिलावटी भोजन के कारण बड़े पैमाने पर लोग कैंसर और दूसरी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) जब खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर कड़ा रुख अपनाते हैं तो उसकी आलोचना होने लगती है और ढील दी जाती है तो इंस्पेक्टर राज जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगी जिससे निवेश पर बुरा असर पड़े। पासवान ने कहा कि सरकार खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के उपाय तथा घटिया भोजन उपलब्ध कराने पर रोक लगाने को लेकर चिन्तित है।
0 comments:
Post a Comment