भाई-भतीजावाद, पक्षपात और जातिवाद के घेरे में आई दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षाओं में अब और खुलासे होते दिख रहे हैं। ये परीक्षाएं पिछले साल कराई गईं थीं। परीक्षा में धांधली की शिकायत पर केन्द्रीय कानून मंत्री सदानन्द गोड़ा ने दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी को पत्र भी लिखा था।
अब पता चला है कि 65 पदस्थ पदस्थ जुडिशियल आफीसर्स इस परीक्षा में सफल नहीं हो सके थे। ये लोग 11 राज्यों से परीक्षा देने आए थे। ऐसे में इस परीक्षा की मूल्यांकन प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली के एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार इन राज्यों में झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लोग शामिल हैं। आश्चर्यजनक तो यह है कि इनमें से केवल 2 पदस्थ जुडिशियल आफीसर्स जो झारखंड और हरियाणा से एक-एक हैं, परीक्षा में सफल हो सके थे।
अनुत्तीर्ण हुए इन न्यायिक अधिकारियों में से 6 ऐसे थे जिन्होंने अपने-अपने राज्यों की न्यायिक सेवा परीक्षाओं में टॉप किया था और 4 को दूसरी रैंक मिली थी।
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