लगभग 300 लोगों ने ही एनडीए सरकार की उस योजना के तहत देश और विदेश में रखी अपनी संपत्ति का खुलासा किया है, जिसके तहत सरकार ने दिल्ली और अन्य शहरों में अनुपालन खिड़कियां बनाकर आदेश दिया था कि कालाधन रखने वाले लोग तय समयसीमा के तहत अपनी सम्पत्ति का ऐलान करें।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार केवल 3000 करोड़ रुपये के कालेधन का ही खुलासा हो सका है। हालांकि सरकार की ओर से इसकी पुष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है कि कितने लोगों ने अपनी अवैध संपत्ति का खुलासा किया है। 30 सितम्बर आखिरी तारीख थी।
खबर के अनुसार योजना के तहत एक व्यक्ति ने अकेले 200 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा किया है।
यह सबसे बड़ी राशि है।विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की ओर से 60 फीसदी टैक्स लगाए जाने की वजह से अधिकतर लोगों ने अपनी अघोषित सम्पत्ति का खुलासा नहीं किया है।
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्सस ने वरिष्ठ आयकर अधिकारियों की देखरेख में विशेष खिड़कियां बनाई थीं ताकि घोषणाओं को गोपनीय रखा जा सके।
योजना को 'अनुपालन खिड़की' योजना नाम दिया गया था। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि 'अनुपालन खिड़कीÓ योजना पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई है।एनडीए सरकार को उम्मीद थी कि योजना के आखिरी दिनों में लोग अपनी सम्पत्ति का खुलासा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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