शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेशों में बढती लोकप्रियता का जिक्र करते हुए कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी. नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह भी कम प्रसिद्ध नहीं थे और देश के विकास में उनका भी महत्वपूर्ण योगदान है।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के मंगलवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि मोदी जिस भी देश में जाते हैं वहां मोदी-मोदी के नारे लगते हैं और वह विदेश में भी काफी लोकप्रिय हैं लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू जब विदेश जाते थे तब मीडिया इतना तेज नहीं था और न ही इलेक्ट्रानिक माध्यम था।
उस समय भारत की छवि सांप, हाथी और बाघों के देश के रूप में थी लेकिन उस समय भी नेहरू की लोकप्रियता किसी भी मायने में कम नहीं थी। संपादकीय में आगे लिखा है मोदी की लोकप्रियता प्रवासी भारतीयों के बीच एक बहुत बड़े स्टार की है लेकिन नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी भी विदेशी धरती पर काफी लोकप्रिय थे, आज भी रूस और अमेरिका जैसे देश में नेहरू के प्रसंशक मिल जायेंगे।
संपादकीय में लिखा गया, 'हमें पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को भूलना नहीं चाहिए। स्वर्गीय नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के देश में आर्थिक विकास के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इन्हीं लोगों ने देश के आर्थिक विकास की नींव रखी थी और देश में आर्थिक विकास का रास्ता बनाया था।
ये दोनों नेता विदेशी निवेशकों के लिए दरवाजा खोलने के लिए प्रसिद्ध भले ही न हों लेकिन उनके आर्थिक सुधार के योगदान को कमतर नहीं माना जा सकता।' संपादकीय में इंदिरा गांधी और उनके पुत्र राजीव गांधी के लिए लिखा गया, 'देश के विकास में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का काफी योगदान है।
देश को टीवी और कंप्यूटर से परिचित कराने के लिए इन दोनों नेताओं को हमेशा याद किया जाएगा। संपादकीय में पश्चिमी देशों विशेषकर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की अपने उत्पादों और सेवा के लिए भारत को एक बड़े संभावित बाजार के रूप में देखने की आलोचना की गई है। संपादकीय में कहा गया कि अमेरिका भारत भूमि का उपयोग चीन के विकास पर ध्यान रखने के लिए कर रहा है।
अमेरिका ने इराक में सद्दाम हुसैन के आतंक को समाप्त करने के लिए वहां सेना का उपयोग किया, लेकिन वह पाकिस्तान में उसी तरह की कार्रवाई के लिए भारत को मदद नहीं कर रहा है।
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