बिहार में सत्तारुढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान की निंदा करते हुए कहा है कि उनका बयान आरक्षण की श्रेणी में आने वाले वर्गों के लोगों के लिए खतरे की घंटी है।
जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी ने सोमवार को एक बयान में आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार पूरी तरह आरएसएस के इशारों पर काम कर रही है और मोदी सरकार को मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान को एजेंडे के तौर पर लेना चाहिए ।
अंसारी ने कहा कि मोहन भागवत आरक्षण की समय सीमा तय करने की बात कह रहे हैं जबकि यह समय सीमा तो आरक्षण की भावना में ही तय है।
उन्होंने कहा कि दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिला और कोई भी वंचित तबका जिसकी सत्ता , नौकरी, उद्योग-व्यापार, शिक्षा, संपत्ति में आबादी के हिसाब से भागीदारी नहीं है, उन्हें विशेष मौका देने के लिए आरक्षण दिया जाता है, लेकिन आएसएस प्रमुख आरक्षण के लिए अब समय सीमा तय करना चाहते हैं।
जदयू सांसद ने कहा कि आरएसएस प्रमुख की इच्छा का अर्थ भाजपा के लिए आदेश होता है और यह बात देश के लोग अच्छी तरह समझते हैं। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह मोहन भागवत के बयान को कब से लागू करेंगे और देश में आरक्षण की किस समय तक की सीमा तय करेंगे।
उन्होंने कहा कि बिहार में भी भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) , राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को भी स्पष्ट करना चाहिए कि आरक्षण की समय सीमा तय करने के आरएसएस और भाजपा के विचारों से वे कितना सहमत हैं तथा इस मुद्दे पर वे आरक्षण के साथ रहेंगे या भाजपा के साथ है।
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