विपक्षी दलों की मांग के बाद केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को जारी करने की का फैसला किया है। गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जातीय जनगणना का काम पूरा होने के बाद इसके सारे आंकड़े सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।
आपको बता दें कि लालू यादव, नीतीश कुमार सहित कांग्रेस और अन्य दलों के नेता लगातार जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं।
यहां तक कि आंकड़े सार्वजनिक नहीं करने की बात पर लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछड़ी जाति का दुश्मन बता दिया। लालू ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री पिछड़ी जाति के हितैषी हैं तो जाति जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करके दिखाएं।
वहीं, नीतीश कुमार ने दिल्ली में कहा कि जब सर्वेक्षण कराया गया, गणना कराई गई तो उसकी रिपोर्ट आनी चाहिए और लोगों को संख्या के बारे में मालूम होना चाहिए और समाज के जो विभिन्न समूह हैं, उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में, सामाजिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए।
एनडीए की सहयोगी लोजपा के रामविलास पासवान ने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े कल आ जाएेंगे तो कल ही क्या हो जाएेंगे। हम अपने समय से इसे सार्वजनिक करेंगे, वैसे जाति की जनगणना की एक शर्त यह भी थी कि इसे पब्लिश नहीं किया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद गुरुवार को मीडिया से बातचीत में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगढिया की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो जातीय जनगणना के आंकड़ों का विश्लेषण करेगी।
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