प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि 'भारत ने एक रत्न खो दिया' लेकिन इस रत्न की रोशनी भारत को ज्ञान शाक्तिपुंज देशों की कतार में अग्रणी बनाने के सपने को साकार करने में हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।
मोदी ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे एक लेख में कहा, डॉ. कलाम सुविधाओं से वंचित प्रत्येक बच्चे के साथ साथ मेरे मार्गदर्शक है। प्रत्येक महान शख्सियत का जीवन एक प्रिज्म की तरह है, रोशनी उससे होकर गुजरती है जो हमें रास्ता दिखाती है। उनका आदर्शवाद यथार्थ के आधार पर टिका था।
मोदी ने कहा कि हालांकि डॉ. कलाम अविवाहित थे और उनका कोई बच्चा नहीं था लेकिन वह प्रत्येक भारतीय बच्चे के पिता थे जिन्हें वह न केवल पढ़ाते थे बल्कि उनका जोश बढ़ाते और अपनी ²ष्टि की आभा तथा स्नेह से उनके भीतर से अज्ञान के अंधेरे को भी दूर करते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. कलाम भारत को विकासशील से विकसित देशों की श्रेणी में ले जाना और पूर्ण आर्थिक विकास से गरीबी को मिटाना चाहते थे।
उन्होंने कहा था कि नेताओं को केवल 30 प्रतिशत समय राजनीति और 70 प्रतिशत विकास पर लगाना चाहिए। वह अक्सर सांसदों को बुलाकर उनके क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करते थे।
0 comments:
Post a Comment