बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें निमंत्रण मिले या न मिले लेकिन उनके यहां आने पर वह उनका स्वागत करने हवाई अड्डा जरूर जाएंगे।
कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में 251 करोड़ रुपए की लागत से 295 नवनिर्मित पंचायत सरकार भवनों के उदघाटन सह लोकार्पण कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश के आदरणीय प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं, वह उनका स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह हवाई अड्डा पर उनकी आगवानी के लिए जाएंगे और संबंधित कार्यक्रम में संबंधित मंत्रालय के बुलाए जाने पर वह उस कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री 25 जुलाई को बिहार दौरे पर आ रहे हैं और इस दौरान वे बिजली सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत आठ हजार करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करने वाले हैं।
मुख्यमंत्री को इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया है लेकिन इसके कार्यक्रम के लिए तैयार किए जा रहे शिलापट्ट पर मुख्यमंत्री का नाम नहीं होने की खबरें मीडिया में आई है। मान्य परंपराओं के अनुसार ऐसे कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री भी उपस्थित हों शिलापट्ट पर उनका भी नाम होता है।
मीडिया में इस संबंध में आई खबरों और पहले से ही नरेन्द्र मोदी के साथ कुमार के रिश्तों के कारण अटकलें लगाई जा रही थी कि शायद मुख्यमंत्री खुद को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से अलग रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय के एक कार्यक्रम में आने का निमंत्रण पत्र मिला है। जहां तक शिलापट्ट में उनका नाम नहीं होने का सवाल है उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
शिलापट्ट पर नाम रहे या न रहे, इसकी कोई चिन्ता उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि उनको किसी भी कार्यक्रम में जाने से एतराज नहीं है। कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को केंद्र से जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने और उन्हें कभी इस श्रेणी की सुरक्षा नहीं दिए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता का दुरुपयोग करने में मास्टर है।
भाजपा का हर फैसला या समझौता शुद्ध व्यावसायिक लाभ पर आधारित होता है। अपने नफा-नुकसान के अलावा भाजपा और किसी के हित का ध्यान नहीं रखती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को सत्ता का दुरूपयोग करने में महारथ हासिल है लेकिन इन सब का उनके उपर कोई असर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सुरक्षा देने में नियमों का तो पालन नहीं ही किया है, वे लोग मर्यादा का भी पालन नहीं करते हैं।
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