जयपुर राज्य सरकार और राजस्थान पुलिस के लिए गैंगस्टर आनंदपाल सिंह और राजूठेठ गिरोह बड़ी चुनौती बन चुके हैं। दोनों गिरोह की गैंगवार को रोकने के लिए राज्य सरकार फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। इन दोनों गैंग्स का दबदबा शेखावाटी से वायरल होता हुआ पुरे प्रदेश में फैल चुका है । पुलिस का भय यह देखते ही बनता है कि दोनो गैंग्स की पेशी की तारीख भी अलग होती है और कोर्ट भी।
दोनो गिरोह राजस्थान पुलिस के लिए सिरदर्द से कम नही है । आनंदपाल की फरारी के बाद राजूठेठ गिरोह भी सक्रिय हो गया है ।
जेलों में आपसी गैंगवार के डर से पुलिस ने हार्डकोर अपराधी राजूठेठ को अलवर जेल से जयपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया है । दोनो गिरोह के लिए अलग जेल और कोर्ट होने से जेल के अंदर दोनों गिरोह के बदमाशों के आमने-सामने होने की स्थिति ही पैदा नहीं होगी।
इससे पहले राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और जेल के महानिदेशक ने अजमेर का दौरा किया था और अजमेर जेल में हाईसिक्योरिटी और सेंट्रल जेल में कोर्ट खोलने की संभावनाओं को देखा था । सूबे के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भी अजमेर दौरा कर दोनों जेलों का निरीक्षण किया था ।
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टाडा कोर्ट की तर्ज पर अजमेर में बनेगी हाईसिक्योरिटी जेल
आतंकियों के लिए अजमेर में पूर्व में बनाई गई टाडा कोर्ट का हवाला भी दिया गया है। अजमेर में टाडा कोर्ट की तर्ज पर ही हाई सिक्योरिटी और सेंट्रल जेल में कोर्ट खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है । आनंदपाल और राजू ठेठ गिरोह के लिए जेल में ही अलग-अलग कोर्ट खुलने की संभावनाए प्रबल हो गई है।
थो़डे दिनो पहले बीकानेर जेल में हुए तिहरे हत्याकांड को लेकर भी सरकार की चिंताए साफ है । 2014 में बीकानेर जेल में राजू ठेठ गिरोह के जयप्रकाश और रामपाल ने आनंदपाल के सबसे करीबी बानूड़ा को गोलियों से भून दिया था तो जबावी हमले में आनंदपाल गैंग ने जेल में ही जयप्रकाश और रामपाल की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
आनंदपाल के पुलिस हिरासत से फरार होने के बाद शेखावाटी क्षेत्र में फिर से खूनी संघर्ष होने की आशंका के प्रबल चांसेज है । इसी के चलते राज्य सरकार ने आनंदपाल के अलावा उसके गुट के गुर्गो और इसके गिरोह को पर्दे के पीछे से मदद करने वालों पर भी कड़ी नजर भी रखे हुए है ।
आपको बता दे कि आनंदपाल के फरार होने के मामले में पुलिस कमाडों शक्ति सिंह सहित चार जनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । सूत्रो की जानकारी के अनुसार कमांडों ने कुछ राज भी उगल दिये है जिनसे आनंदपाल के फरार होने की कडी का खुलासा हो सकता है । मामले में पुलिस के हाथ सिर्फ कमांडो शक्ति सिंह ही हाथ लगा है लेकिन पुलिस और खुफिया तंत्र आनंदपाल का सूराग लगा पाने में सफलता हांसिल नही कर सकी है । पुलिस के अनुसार कमांडो शक्ति सिंह ही वह है जिसने पुलिस कर्मियों को नशिली मिठाई खिलाई थी। फिलहाल शक्तिसिंह और तीन अन्य आरोपियों से पुलिस पुछताछ कर रही है ।
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