हवाना (क्यूबा). मां से बच्चे में होने वाले एचआईवी और सिफलिस के संक्रमण को खत्म करने वाला क्यूबा दुनिया का पहला देश बन गया है। वर्ल्ड
हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की चीफ डॉ मार्गरेट चान ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए इसे सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपलब्धियों में से एक बताया है। उन्होंने कहा कि एचआईवी के साथ एक लंबी लड़ाई में ये हमारी बहुत बड़ी जीत है। एड्स मुक्त पीढ़ी की ओर बढ़ने की दिशा में ये एक अहम कदम है।
डब्ल्यूएचओ मुताबिक, 2009 में दुनिया में एचआईवी के संक्रमण के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या 4 लाख थी। 2013 में ये संख्या घटकर 2 लाख 40 हजार हो गई, लेकिन संक्रमण की इस दर को 2015 में घटाकर 40 हजार तक लाने के लिए और तेज प्रयासों की जरूरत है।
बाकी देशों के लिए भी जगी उम्मीद
डब्ल्यूएचओ ने उम्मीद जताई है कि बाकी देश भी इस सफलता को जल्द हासिल कर पाएंगे। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक,'' क्यूबा में 2013 में सिर्फ दो बच्चे एचआईवी और पांच सिफलिस के संक्रमण के साथ पैदा हुए। संक्रमण की दर में कमी आना भी बड़ी कामयाबी है। हालांकि, मां से बच्चे में एचआईवी के संक्रमण को रोकने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाला एंटीरेट्रोवायरल ट्रीटमेंट अभी 100 फीसदी प्रभावी नहीं है।''
शुरुआती दौर में एचआईवी-सिलफिस टेस्ट से हुआ फायदा
डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हेल्थ अथॉरिटीज क्यूबा में 2010 से काम कर रही हैं। इसके तहत प्रेग्नेंट महिला और उसके पार्टनर के एचआईवी और सिलफिस (syphilis) के टेस्ट शुरुआती दौर में कर लिए जाते हैं। टेस्ट पॉजीटिव पाए जाने पर मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी ट्रीटमेंट शुरू किया जा सके। डब्ल्यूएचओ के साथ काम करने वाली कैरीसा एटीन ने कहा, “क्यूबा की उपलब्धि आज दूसरे देशों के लिए मां से बच्चे में एचआईवी और सिफलिस के रोकथाम करने के लिए एक प्रेरणा का काम कर रही है।”
हर साल 14 लाख महिलाएं HIV के साथ होती हैं प्रेग्नेंट
हर साल दुनिया भर में एचआईवी के साथ 14 लाख महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं। इसमें 15 से 45 प्रतिशत मौके ऐसे होते हैं जब प्रेग्नेंसी, डिलिवरी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वायरस उनके होने वाले बच्चों में चला जाता है। वहीं, हर साल लगभग एक लाख गर्भवती महिलाएं दुनिया भर में सिफलिस से संक्रमित होती हैं। क्यूबा में उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दो प्रतिशत से भी कम बच्चे अपनी मां से एचआईवी के साथ पैदा होते हैं। यह मौजूद रोकथाम के तरीकों की सबसे कम दर है।
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