नई दिल्ली: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश के विकास की धीमी रफ्तार से कुछ निराशा पैदा हुई है। मूडीज के मुताबिक, भारत में नीतिगत फैसलों में ठहराव आने को लेकर भी चिंताएं बढ़ी हैं। मूडीज की इनवेस्टर्स सर्विस शाखा की ताजा 'इनसाइड इंडिया' रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है।
मूडीज द्वारा पिछले महीने कराए गए सर्वे के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया, ''पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के तहत सुधारों की रफ्तार को लेकर कुछ निराशा है। खास तौर पर सर्वे में हिस्सा लेने वाले अधिकतर लोगों ने धीमी विकास दर की आशंका जताई, जो इंडिया की इकोनामी के लिए सबसे बड़ा खतरा है। भारत की बहु पार्टी और संघीय ढांचे वाली डेमोक्रेसी नीतियों के लागू किए जाने की नियमित लेकिन धीमी रफ्तार के लिए जिम्मेदार है।'' मूडीज ने कहा कि मानसून की कमजोरी के अनुमानों के मद्देनजर भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मार्च 2016 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष के दौरान कमजोर बने रहने की आशंका है।
कुछ पॉजिटिव भी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत की आर्थिक तरक्की की संभावनाओं को लेकर आम राय उम्मीदों से भरी हुई है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास की दर 7.5 प्रतिशत रहने की एक मोटा-मोटी संभावना जाहिर की है। यह जी20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ऊंचा अनुमान है। भारत के संस्थागत ढांचे की मजबूती की दिशा में सरकार की कई नीतियां सकारात्मक साबित हो रही हैं। हालांकि, सरकार की आर्थिक सुधार की दिशा में की गई कोशिशों का सीधा असर कई साल बाद दिखने की उम्मीद है।
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